JBD05 - सरस्वती माँ के 108 नाम | सरस्वती माँ के 108 नाम

सरस्वती माँ के 108 नाम | सरस्वती माँ के 108 नाम
सरस्वती माता की अष्टोत्तर शतनामावली में 108 पवित्र नाम हैं जो ज्ञान, बुद्धि, संगीत, कला और विद्या की दिव्य माता का गुणगान करते हैं। प्रत्येक नाम माँ सरस्वती के एक विशिष्ट गुण, आशीर्वाद या दिव्य पहलू को प्रकट करता है। ऐसा माना जाता है कि इन नामों का जप या ध्यान अज्ञानता को दूर करता है, ज्ञान प्रदान करता है, बुद्धि को प्रखर करता है और शिक्षा, रचनात्मकता और आध्यात्मिक ज्ञान में सफलता प्रदान करता है।
सरस्वती मंत्र
मंत्र: "ओम सरस्वत्यै नमः"
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अर्थ: "मैं ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती को नमन करता हूँ"।
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इसके लिए सर्वश्रेष्ठ: जो लोग मानसिक रूप से थका हुआ महसूस करते हैं, या जिन्हें पुनः ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
स्तुति:
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तारदे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तारदे मां
तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे
आ तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे
हम अकेले हैं, हम विभक्त हैं तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तारदे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तारदे मां
आ मुनियों ने समझी, गुनाहों ने जानी वेदोंकी, पुराणों की भाषा
आ मुनियों ने समझी, गुनाहों ने जानी वेदोंकी, पुराणों की भाषा
हम भी तो समझें, हम भी तो जाने विद्या का अधिकार दे माँ
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तारदे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तारदे मां
तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे
आ तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे
मन से हमारी बातें अँधेरे, हमें उजालों का संसार दे माँ
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तारदे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तारदे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तारदे मां
हे शारदे मां, हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तारदे मां
सरस्वती माँ के 108 नाम
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सरस्वती (सरस्वती) - ज्ञान की देवी
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महाभद्रा (महाभद्रा) - परम शुभ
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महामाया (महामाया) - माया से युक्त महान जादूगरनी
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वरप्रदा (Varaprada) – वरदान देने वाला
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श्रीप्रदा (श्रीप्रदा) - धन और समृद्धि की दाता
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पद्मनिलय (पद्मनिलय) - कमल में निवास करने वाला
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पद्माक्षी (पद्माक्षी) - कमल जैसी आंखों वाली देवी
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पद्मवक्त्रगा (पद्मवक्त्रगा) - कमल-मुख वाली देवी
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शिवानुजा (शिवानुजा) – शिव की छोटी बहन
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पुस्तकधृत (पुस्तकधृत) – ज्ञान की पुस्तक का धारक
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ज्ञानमुद्रा (ज्ञानमुद्रा) - ज्ञान की मुद्रा वाली
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रमा (Rama) – आकर्षक देवी
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परा (पैरा) - सबसे परे
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कामरूप (कामरूप) - इच्छानुसार रूप लेना
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महाविद्या (महाविद्या) - महान बुद्धि की देवी
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महापातक नाशिनी (महापातक नाशिनी) - महान पापों का नाश करने वाली
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महाश्रय (महाश्रय) - सर्वोच्च शरण
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मालिनी (मालिनी) - माला धारण करने वाली
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महाभोग (महाभोग) - महान आनंद का दाता
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महाभुजा (महाभुजा) – शक्तिशाली भुजाओं वाला
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महाभागा (महाभागा) - अत्यंत भाग्यशाली
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महोत्साहा (महोत्साहा) - महान उत्साह का
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दिव्यंग (दिव्यांग) - दिव्य अंग वाले
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सुरवंदिता (सुरवंदिता) - देवताओं द्वारा पूजनीय
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महाकाली (महाकाली) - समय और मृत्यु की देवी
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महापाशा (Mahapasha) – महान फंदा चलाने वाला
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महाकारा (महाकारा) - सर्वोच्च रूप का
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महाङ्कुशा (Mahankusha) – महान अंकुश का धारक
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सीता (सीता) - प्रजनन देवी, फसल की आशीर्वाद देने वाली
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विमला (विमला) - शुद्ध और बेदाग
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विश्वा (विश्वा) - संपूर्ण ब्रह्मांड स्वयं
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विद्युनमाला (विद्युनमाला) - चमकती हुई माला पहने हुए
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वैष्णवी (वैष्णवी) - विष्णु की ऊर्जा
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चन्द्रिका (चन्द्रिका) - चाँदनी के समान दीप्तिमान
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चंद्रवदना (चंद्रवदना) - चंद्रमुखी देवी
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चंद्रलेखाविभूषिता (चंद्रलेखा विभूषिता) - चंद्रमा के अर्धचंद्र से सुशोभित
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सावित्री (सावित्री) - प्रकाश की किरण
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सुरसा (सुरसा) - रमणीय और मनमोहक
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देवी (देवी) - दिव्य माँ
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दिव्यङ्कारभूषिता (दिव्यालंकारभूषिता) - दिव्य आभूषणों से सुशोभित
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वाग्देवी (वाग्देवी) - वाणी की देवी
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वसुधा (वसुधा) - धरती माता
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तीव्रा (तिवरा) - तीव्र और तीव्र
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महाभद्रा (महाभद्रा) - अत्यंत शुभ
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महाबला (महाबाला) - महान शक्ति का स्वामी
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भोगदा (भोगदा) – भोगों का दाता
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भारती (भारती) - वाणी की देवी
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भामा (भामा) - शानदार और भावुक
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गोविंदा (गोविंदा) - गायों के रक्षक
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गोमती (गोमती) - गायों का निवास
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शिवा (Shiva) – शुभ, मुक्ति देने वाला
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जटिला (जटिला) – उलझे हुए ताले के साथ
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विंध्यवास (विंध्यवास) - विंध्य पर्वत में निवास
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विंध्याचलविराजिता (विंध्याचलविराजिता) - विंध्य पर्वत में दीप्तिमान
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चंडिका (चंडिका) - उग्र और क्रोधी देवी
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वैष्णवी (वैष्णवी) - विष्णु की ऊर्जा
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ब्राह्मी (ब्राह्मी) - ब्रह्मा की ऊर्जा
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ब्रह्मज्ञानेकसाधना (ब्रह्मज्ञानेकसाधना) - ब्रह्म-ज्ञान (बुद्धि) का स्रोत
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सौदामिनी (सौदामिनी) - बिजली की तरह चमकने वाली
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सुधामूर्ति (सुधामूर्ति) - अमृत का अवतार
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सुभद्रा (सुभद्रा) - अत्यंत सुंदर
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सुरपूजिता (सुरपूजिता) - देवताओं द्वारा पूजित
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सुवासिनी (सुवासिनी) - हर जगह शुभता फैलाना
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सुनासा (सुनासा) - एक सुंदर नाक के साथ
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विनिद्रा (विनिद्रा) - नींद से मुक्त
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पद्मलोचना (पद्मलोचना) - कमल-नेत्र
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विद्यारूपा (विद्यारूपा) - ज्ञान का अवतार
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विशालाक्षी - चौड़ी आँखों वाली
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ब्रह्मजया (ब्रह्मजया) - ब्रह्मा की पत्नी
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महाफला (महाफला) - महान फल देने वाला
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त्रयीमूर्ति (त्रयीमूर्ति) - त्रिमूर्ति का अवतार
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त्रिकालज्ञ - भूत, वर्तमान और भविष्य का ज्ञाता
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त्रिगुण (त्रिगुण) - तीन गुणों का अवतार
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शास्त्ररूपिणी (शास्त्ररूपिणी) - शास्त्रों का मानवीकरण
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शुंभासुर प्रमथिनी (शुंभासुर प्रमथिनी) - राक्षस शुंभ का वध करने वाली
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शुभदा (शुभदा) – शुभता देने वाला
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सर्वात्मिका (सर्वात्मिका) - सभी प्राणियों की आत्मा
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रक्तबीजनिहंत्री (रक्तबीजनिहंत्री) - रक्तबीज का वध करने वाला
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चामुंडा (चामुंडा) - चंदा और मुंडा का वध करने वाला
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अम्बिका (अंबिका) - दिव्य माँ
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मुंडकाय प्रहरण (मुंडकाय प्रहरण) - दानव मुंडा का विनाशक
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धूम्रलोचन मर्दना (धूम्रलोचन मर्दन) - धूम्रलोचन का वध करने वाला
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सर्वदेवस्तुता (सर्वदेवस्तुता) - सभी देवताओं द्वारा स्तुति की गई
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सौम्या (Soumya) – सौम्य और शांत
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सुरासुर नमस्कृत (सुरासुर नमस्कृत) - देवताओं और राक्षसों द्वारा पूजनीय
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कालरात्रि (कालरात्रि) - ब्रह्मांडीय विघटन की रात
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कलाधारा (कलाधारा) - कला का स्रोत
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रूपसौभाग्यदायिनी (रूपसौभाग्यदायिनी) - सौंदर्य और सौभाग्य की दाता
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वाग्देवी (वाग्देवी) - वाणी की देवी
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वरारोहा (वरारोहा) - सुंदर एक
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वाराही (वाराही) - वराह की शक्ति
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वारिजासन (वरिजासन) - सफेद कमल पर बैठा हुआ
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चित्रांबरा (चित्रांबरा) - विभिन्न रंगों के वस्त्र पहनना
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चित्रगंधा (चित्रागंधा) - विविध सुगंध के साथ
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चित्रमाल्यविभूषिता - विविध मालाओं से सुशोभित
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कांता (कांटा) - सुंदर
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कामप्रदा (कामप्रदा) - इच्छाओं को पूरा करने वाला
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वन्द्या (वन्द्या) - पूजा के योग्य
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विद्याधरसुपूजिता (विद्याधरसुपूजिता) - विद्वानों द्वारा पूजित
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श्वेतसना (श्वेतासन) - एक सफेद सिंहासन पर बैठा
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नीलभुजा (नीलभुजा) - नीली भुजाओं वाला
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चतुर्वर्ग फलप्रदा (चतुर्वर्ग फलप्रदा) - चार पुरुषार्थों का दाता
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चतुरानन साम्राज्या (चतुरानन साम्राज्य) - ब्रह्मा की रचना की रानी
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रक्तमध्या (रक्तमध्य) - ऊर्जा और शक्ति का स्रोत
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निरंजना (निरंजना) - अलग, शुद्ध एक
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हंसासन – हंस पर बैठे हुए
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नीलजङ्घा (Neelajangha) – नीली जांघों के साथ
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ब्रह्मविष्णुशिवात्मिका (ब्रह्मा विष्णु शिवात्मिका) - ब्रह्मा, विष्णु और शिव की आत्मा


















