नवपद ओली 2025 - आयंबिल और सिद्ध चक्र का एक पवित्र त्योहार

नवपद ओली 2025 - आयंबिल और सिद्ध चक्र का एक पवित्र त्योहार
2025 में, नवपद ओली सोमवार, 29 सितंबर से मंगलवार, 7 अक्टूबर तक मनाया जाएगा ।
यह नौ दिवसीय जैन त्योहार वर्ष के सबसे आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण अवधियों में से एक है, जो आयंबिल तप और नवपद (ब्रह्मांड के नौ सर्वोच्च पदों) की पूजा पर केंद्रित है।
नवपद ओली क्या है?
नवपद ओली, जिसे आयम्बिल ओली के नाम से भी जाना जाता है , गहन आध्यात्मिक अनुशासन और भक्ति को समर्पित एक त्योहार है।
यह वह समय है जब जैन धर्मावलंबी आत्म-संयम, ध्यान और अनुष्ठानों का अभ्यास करते हैं जो पवित्र ग्रंथों में सामूहिक रूप से दर्शाए गए नौ सर्वोच्च सत्ताओं का सम्मान करते हैं। सिद्ध चक्र यंत्र.
नौ नवपद
नवपद शब्द जैन धर्म में श्रद्धा के नौ शाश्वत पदों को संदर्भित करता है:
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अरिहंत - प्रबुद्ध व्यक्ति जिन्होंने आंतरिक जुनून पर विजय प्राप्त कर ली है।
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सिद्ध - जन्म-मरण के चक्र से मुक्त मुक्त आत्माएं।
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आचार्य – जैन मठ के प्रमुख।
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उपाध्याय – गुरु जो शास्त्र पढ़ाते हैं।
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साधु – अनुशासन और त्याग के साथ जीवन जीने वाले भिक्षु।
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सम्यक दर्शन – सही विश्वास.
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सम्यक ज्ञान – सम्यक ज्ञान.
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सम्यक चरित्र – सही आचरण.
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सम्यक तप – सम्यक तपस्या.
ये नौ मिलकर सिद्ध चक्र बनाते हैं , जो नवपद ओली अनुष्ठानों का केंद्रीय केंद्र है।
आयम्बिल व्रत (आयम्बिल टैप)
नवपद ओली का हृदय आयम्बिल व्रत है , जिसमें शामिल हैं:
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दिन में केवल एक बार भोजन करना ।
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सूर्यास्त तक केवल उबला हुआ पानी पीना चाहिए ।
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दूध, दही, घी, तेल, फल, हरी सब्जियां, चीनी या गुड़ के बिना बना सादा भोजन खाना।
यह सात्विक (शुद्ध) आहार न केवल आध्यात्मिक शुद्धि में सहायक है, बल्कि अच्छे स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है और कार्बन उत्सर्जन को कम करके पारिस्थितिक प्रभाव को न्यूनतम करता है।
नवपद ओली के दौरान अनुष्ठान
नौ दिनों तक भक्तगण:
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पवित्र जैन ग्रंथों का पाठ करें।
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नवपद पर ध्यान और चिंतन करें सद्गुण.
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सिद्धचक्र पूजा करें , जहां यंत्र की भक्ति और प्रसाद के साथ पूजा की जाती है।
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आत्म-शुद्धि और मुक्ति के लिए प्रार्थना में संलग्न रहें ।
नवपद ओली कब मनाया जाता है?
नवपद ओली वर्ष में दो बार मनाई जाती है:
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चैत्र ओली (मार्च अप्रैल)।
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असो/अश्विन ओली (सितंबर-अक्टूबर).
2025 में , अश्विन ओली कब से मनाया जाएगा? 29 सितम्बर से 7 अक्टूबर तक।
गहरा अर्थ
नवपद ओली केवल उपवास के बारे में नहीं है, बल्कि नवपद के मूल्यों - सत्य, अनुशासन, सदाचार और मोक्ष - के साथ अपने जीवन को संरेखित करने के बारे में है। यह आत्म-चिंतन, सादगी और आंतरिक शांति का समय है।
👉 जैन ब्लिस में , हम इस पवित्र त्योहार को सम्मान और भक्ति के साथ मनाते हैं, और हम अपने समुदाय को आयंबिल ओली की पवित्रता को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं । शरीर, मन और आत्मा में।
यह नवपद ओली आपके लिए स्वास्थ्य, सद्भाव और आध्यात्मिक उत्थान लेकर आए!


















