प्रदर्शित जगमगता तरलनु देरासर होजो
जगमगता तारालानु देरासर होजो, एमा म्हारा प्रभुजी नी प्रतिमा होजो, सुन्दर सुहामणो देरासर होजो, एमा म्हारा प्रभुजी नी प्रतिमा होजो
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आव्यो शरणे तमारा, जिनवारा करजो
आव्यो शारने तमारा, जिनवारा करजो, आश पुरी अमारि, नवयो भवपार मारो, तुम अ विन अ जग मा, सार ले कोन मारी, गायो जिनराज! आजे हराका अधिकथी, परम आनन्दकारी, पायो तुम...
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सिद्धाचल न वासी, विमलाचल न वासी
सिद्धाचल न वासी, विमलाचल न वासी, जिनजी प्यारा, आदिनाथ ने वंदन अमारा, प्रभुजीनु मुखदु मलके, नैनोमथी वरसे, अमीरस धरा, आदिनाथ ने वंदन अमारा।
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