तहराबाद और मांगी तुंगी: जैन इतिहास में एक पवित्र अध्याय
तहराबाद और मंगी तुंगी सिर्फ़ गंतव्य नहीं हैं - वे जैन विरासत और इतिहास में गहराई से निहित कालातीत आध्यात्मिक स्थल हैं। महाराष्ट्र के नासिक जिले के बगलान तालुका में स्थित यह क्षेत्र दुनिया भर के जैन भक्तों के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखता है। यह जैन धर्म में सबसे प्रतिष्ठित तीर्थक्षेत्रों (तीर्थ स्थलों) में से एक है, जिसमें कहानियाँ, शिलालेख और स्मारक हैं जो सदियों पुराने हैं।
दिव्यता की जुड़वाँ चोटियाँ - मंगी और तुंगी
तहराबाद के निकट स्थित मंगी तुंगी पहाड़ियाँ दो राजसी शिखर हैं:
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मंगी गिरी (4,343 फीट)
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तुंगी गिरि (4,366 फीट)
ये चोटियाँ न केवल प्राकृतिक चमत्कार हैं, बल्कि जैन धर्म के अनुयायियों के लिए आध्यात्मिक प्रकाश स्तंभ भी हैं। प्रत्येक शिखर प्राचीन गुफाओं, मंदिरों और नक्काशी से सुसज्जित है जो जैन वास्तुकला और भक्ति की महिमा को प्रदर्शित करते हैं।
जैन मंदिर और प्राचीन गुफाएं
मंगी तुंगी में सैकड़ों जैन गुफाएँ और मंदिर हैं, जिनमें से कई 1,000 साल से भी पहले पत्थरों को तराश कर बनाए गए थे। ये गुफाएँ विभिन्न तीर्थंकरों और केवली मुनिराजों (मुक्त आत्माओं) को समर्पित मूर्तियों और शिलालेखों से भरी हुई हैं ।
भगवान ऋषभदेव की 108 फीट ऊंची प्रतिमा
सबसे शानदार आकर्षण जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ) की 108 फीट ऊंची मूर्ति है , जो मंगी तुंगी पहाड़ी पर स्थापित है। यह मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची जैन मूर्ति है, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने मान्यता दी है।
जैन ऐतिहासिक महत्व
माना जाता है कि मंगी तुंगी वह स्थान है जहाँ कई तीर्थंकरों और जैन संतों ने केवलज्ञान (सर्वज्ञता) या मोक्ष (मुक्ति) प्राप्त किया था। यह पहाड़ी इनसे भी जुड़ी हुई है:
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ऋषभदेव भगवान की तपस्या
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अनेक जैन साधु-साध्वियों की मुक्ति
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श्रुत केवली आचार्यों की साधना एवं साधना
शिलालेखों और प्राचीन संदर्भों से पता चलता है कि इस तीर्थक्षेत्र में सदियों से अनगिनत जैन भिक्षु आध्यात्मिक साधना, ध्यान और सांसारिक जीवन से विरक्ति के लिए आते रहे हैं ।
तहराबाद - मोक्ष भूमि का प्रवेश द्वार
तहराबाद, मंगी तुंगी तीर्थयात्रा के लिए आधार गांव के रूप में कार्य करता है। भक्त अक्सर अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू करने से पहले यहां रुकते हैं। यह गांव जैन यात्रा परंपराओं में महत्व रखता है और तीर्थयात्रियों के लिए आवास सुविधाएं प्रदान करता है।
महावीर जयंती , पर्युषण और गिरि परिक्रमा जैसे प्रमुख जैन त्योहारों के दौरान , तहराबाद भक्तों के लिए एक हलचल केंद्र बन जाता है।
पहुँचने के लिए कैसे करें:
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निकटतम शहर: तहराबाद (सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ)
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निकटतम शहर: मालेगांव (35 किमी), नासिक (125 किमी)
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निकटतम रेलवे स्टेशन: मनमाड जंक्शन (70 किमी)
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निकटतम हवाई अड्डा: नासिक हवाई अड्डा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)
1. मंगी तुंगी कहां स्थित है?
मंगी तुंगी महाराष्ट्र के नासिक जिले के बगलान तालुका में तहराबाद गांव के पास स्थित है।
2. मंगी तुंगी स्थित 108 फीट ऊंची मूर्ति की क्या खासियत है?
भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ भगवान) की 108 फीट ऊंची मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची जैन मूर्ति है। इसका उद्घाटन 2016 में हुआ था और यह शांति, भक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक है।
3. मंगी तुंगी स्थित जैन मंदिर और गुफाएं कितनी पुरानी हैं?
जैन गुफाएं और मंदिर 1000 वर्ष से अधिक पुराने हैं , जिनमें प्राचीन नक्काशी और शिलालेख हैं जो समृद्ध जैन विरासत और इतिहास को दर्शाते हैं।
4. मांगी तुंगी में मोक्ष की प्राप्ति किसने की?
जैन धर्मग्रंथों के अनुसार, कई तीर्थंकरों, केवली मुनिराजों और साधुओं ने मांगी तुंगी में मोक्ष (मुक्ति) प्राप्त किया, जिससे यह मोक्ष भूमि बन गई।