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श्री शीतलनाथ भगवान: दसवें तीर्थंकर

श्री शीतलनाथ भगवान - दसवें तीर्थंकर

श्री शीतलनाथ भगवान जैन धर्म में वर्तमान अवसर्पिणी (अवरोही काल चक्र) के दसवें तीर्थंकर हैं। वे अपने शांत स्वभाव, सर्वोच्च ज्ञान और गहन शिक्षाओं के लिए जाने जाते हैं जो आध्यात्मिक साधकों को मोक्ष की ओर ले जाती हैं।

श्री शीतलनाथ भगवान चिन्ह

उनका प्रतीक कमल है, जो पवित्रता, ज्ञान और आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक है। कमल कीचड़ भरे पानी में भी उगता है, लेकिन अशुद्धियों से अछूता रहता है, जो इस बात का प्रतीक है कि एक सच्चे साधक को सांसारिक मोह-माया से ऊपर उठकर सदाचार और ज्ञान का जीवन जीना चाहिए।

श्री शीतलनाथ का जन्म और बचपन

श्री शीतलनाथ भगवान का जन्म भद्रिकापुरी में इक्ष्वाकु वंश के राजा दृढरथ और रानी सुनंदा के यहाँ हुआ था। उनका जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास और दिव्य आविर्भाव के साथ मनाया गया।

बचपन में ही उनमें गहरी बुद्धिमत्ता, दयालुता और आध्यात्मिकता के प्रति झुकाव था। उन्होंने विवाह किया और बाद में आत्म-साक्षात्कार के लिए सांसारिक सुखों का त्याग कर दिया।

श्री शीतलनाथ के बारे में कम ज्ञात और छिपे हुए तथ्य

  • नाम की उत्पत्ति - उनका नाम "शीतल" उनके सदैव शांत और संयमित स्वभाव के कारण रखा गया है, जिसके कारण वे जहां भी जाते थे, वहां शांति फैल जाती थी।
  • 16 स्वप्न - उनके जन्म से पहले उनकी माता ने 16 शुभ स्वप्न देखे थे, जो तीर्थंकर के आगमन का संकेत देते थे।
  • दिव्य आभा - अन्य तीर्थंकरों के विपरीत, उनके पास एक दिव्य आभा थी जो सबसे अधिक परेशान आत्माओं को भी शांत कर सकती थी।
  • प्रतीकात्मकता - उनका कमल प्रतीक आध्यात्मिक जागृति, पवित्रता और सांसारिक बंधनों से अलगाव का प्रतीक है।
  • केवल ज्ञान - उन्हें केवल ज्ञान की प्राप्ति पुष्करिणी वृक्ष के नीचे हुई, जहाँ उन्होंने गहन ध्यान किया।

श्री शीतलनाथ का निर्वाण एवं मुक्ति

दिव्य ज्ञान का प्रसार करने और असंख्य आत्माओं का मार्गदर्शन करने के बाद, उन्होंने सम्मेद शिखरजी में निर्वाण प्राप्त किया। उनकी आत्मज्ञान की यात्रा सभी जैन अनुयायियों के लिए प्रेरणादायी मानी जाती है।

श्री शीतलनाथ भगवान: प्रश्न एवं उत्तर

1) उन्हें शीतलनाथ क्यों कहा जाता है?
उनके शांत और शांतिपूर्ण स्वभाव के कारण, हर जगह शांति फैल गई।

2) उन्हें केवल ज्ञान कहाँ से प्राप्त हुआ?
पुष्करिणी वृक्ष के नीचे, गहन ध्यान के बाद।

3) उसका प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व क्या है?
उनका प्रतीक कमल है, जो पवित्रता, वैराग्य और ज्ञान का प्रतीक है।

4) उसके पास कौन सी विशेष शक्तियां थीं?
केवलज्ञान प्राप्त करने के बाद उन्हें सर्वज्ञता प्राप्त हो गई - वे भूत, वर्तमान और भविष्य में सब कुछ देख और जान सकते थे।

5) क्या उनकी पत्नी ने उनके त्याग का समर्थन किया?
हां, अन्य तीर्थंकरों की जीवनसाथियों की तरह उनकी पत्नी ने भी उनकी यात्रा के उच्च उद्देश्य को समझा और आत्म-साक्षात्कार तथा मुक्ति के मार्ग पर चलने के उनके निर्णय को स्वीकार किया।


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