प्रदर्शित चिंतामणि मारी, चिंता चूर - जैन स्तवन
आनि शुद्ध मन आस्था, देव जुहारु शाश्वत...(2) पारसनाथ मन-वंचित पुर, चिंतामणि मारी चिंता चूर शंखेश्वर दादा मारी चिंता चूर ….चिंतामणि मारी अनियारी तारी आंखड़ी, जाने कमल नी पंखड़ी…..(2) मुख दिसे...
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