जैन स्तवन

आव्यो शरणे तमारा, जिनवारा करजो

आव्यो शारने तमारा, जिनवारा करजो, आश पुरी अमारि, नवयो भवपार मारो, तुम अ विन अ जग मा, सार ले कोन मारी, गायो जिनराज! आजे हराका अधिकथी, परम आनन्दकारी, पायो तुम...

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सिद्धाचल न वासी, विमलाचल न वासी

सिद्धाचल न वासी, विमलाचल न वासी, जिनजी प्यारा, आदिनाथ ने वंदन अमारा, प्रभुजीनु मुखदु मलके, नैनोमथी वरसे, अमीरस धरा, आदिनाथ ने वंदन अमारा।

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ऊंचा अंबर थी

ऊँचा अम्बर थी, आवो ने प्रभुजी, - 2 दर्शन करवावें तरसे आँखड़ी, हो हो -2 रमझुम रमझुम आवो हो प्रभुजी, राह जोयी मैं रातदी, हो हो दर्शन करवावें तरसे आँखड़ी,...

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